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अध्याय- १०
कुछ ज्ञातव्य बातें
(9)
शरीर में गरमी बढ़ाने के लिये सूर्य प्राणायाम करिये । बाँए नथुने को बन्द कर सिर्फ दाँए नथुने से साँस लीजिए और बाहर छोड़िए ।
(2)
शरीर में शीतलता लाने के लिए चन्द्र प्राणायाम करिये। दाँए नथुने को बन्द कर बाँए नथुने से साँस लीजिए और बाहर छोड़िये ।
(३) अनुकूल या प्रतिकूल आहार के विषय में जानने की सरल पद्धति - सीधे खड़े रहिए । बाँए हाथ की मुट्ठी बंद कर हृदय पर दबाइए और दाँया हाथ सीधा समानान्तर रखें। फिर किसी व्यक्ति से अपने दाँए को झुकाने के लिए कहिये और उसे इस तरह करते समय अपनी पूरी ताकत से रोकिये। अब खाद्य पदार्थ को बाँई मुट्ठी में दबाकर पूर्ववत् हृदय पर दबाइये तथा सीधा हाथ को नीचे दबवाइये। यदि खाद्य पदार्थ शरीर के लिये उपयोगी होगा, तो दाँए हाथ की प्रतिकार शक्ति बढ़ेगी और यदि हानिकारक होगा तो प्रतिकार शक्ति घट जाएगी और हाथ नीचे आ जायेगा ! यदि तरल वस्तु हो तो ताम्र पात्र में रखकर पात्र को हृदय से सटाकर रखिए। इसी विधि से दवा की उपयोगिता मालूम हो सकेगी।
यह प्रयोग शरीर की विद्युत पर आधारित है। खाने या पीने की उपयोगी वस्तु विद्युत प्रवाह को वेग देती है ( enhances polarization), जिससे प्रतिकार शक्ति बढ़ती है; जबकि शरीर को नुकसान पहुँचाने वाले आहार या पेय लेने से वेग घटता है और प्रतिकार शक्ति घट जाती है (de- polarization)
(४) सायंकाल के भोजन के पश्चात् अथवा रात्रि को सोने से पहले दंत मंजन अथवा पेस्ट अवश्य करें।
(4)
दंत मंजन ४० प्रतिशत् फिटकरी का पाउडर और ६० प्रतिशत सैंधा या साधारण नमक से बना सकते हैं।
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