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अध्याय - १४
उत्सर्जन तंत्र - Excretion System .
शरीर में दो गुर्दे होते हैं- प्रत्येक लगभग ११ सैन्टीमीटर लम्बा, इससे आधा चौड़ा और लगभग ३ सैन्टीमीटर मोटाई में होता है। यह सेम के आकार का होता है और प्रत्येक गुर्दे का भार लगभग १४० ग्राम होता है। इसको घेरे हुए अधिवृक्क ग्रन्थि (Supra-renal gland) होती है। दाँया गुर्दा बाँए गुर्दे के मुकाबले में थोड़ा छोटा और ज्यादा मोटा होता है। यह गहरे बैंगनी रंग का होता है। प्रत्येक गुर्दे में लगभग दस लाख नैफरौन्स (Nephrons) होते हैं। गुर्दे की आकृति चित्र २.४५ में दिखायी गई है और Nephron की चित्र २.४६ में। प्रत्येक Nephron की शुरूआत एक Nephron (or Malpighian body या Glomerulus) से होती है। ततपश्चात् tubule (ट्यूब्यूल) जो कि first convoluted या proximal tubule होता है, एक loop (लूप) { loop of Henle) से connect होता है जो दूसरे सिरे पर second convoluted या distal tubule से cornect होता है। यह thibule एक connecting tubule से connect होती है, जो अन्ततः ureter tube (मूत्रवाहिनी) बनकर मूत्राशय (bladder) में चली जाती है। गुर्दे में अनेक blood vesels होते हैं। Glomerulus एक filter होता है। हाई प्रेशर पर लगभग १ लीटर रक्त प्रति मिनट, जिसमें ५०० मिलीलीटर प्लास्मा (Plasma) होता है, आता है और करीब १०० मिलीलीटर फिल्टर हो जाता है। Filtrate (छना हुआ द्रव) तब गुर्दे के Tubules में से गुजरता है, तब कोशिकाएं (Cells) उन पदार्थों का अवशोषण करते हैं, जिनकी शरीर को आवश्यक्ता होती है और अनावश्यक पदार्थों को छोड़ देते हैं। साधारणतः सारा ग्लूकोज (Glucose) सोख (absorb) लिया जाता है। ततपश्चात्, मूत्र मूत्रवाहनियों द्वारा मूत्राशय में इकट्ठा होता रहता है। इसकी अधिकतम क्षमता ३५०–५०० मिलीलीटर की होती है। मूत्र का आपेक्षिक घनत्व (relative density) लगभग १,०१० होता है | glomerulus से छनने के बाद, अन्तिम चरण में मूत्र के निष्कासन के समय, द्रव में रचना (composition) निम्नवत होती है :
२.६९