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________________ | : इसको अधिजिहा भी कहते हैं। यह खाना खाते समय नासिका गुहा (Nasal cavity) को बन्द कर सकती है, ताकि खाना नाक में न चला जाये । ग्रसिका नली (Oesaphagus) Stomach भोजन मुख के पश्चात् ग्रसिका नली में जाता है जो लगभग २५ सेंटीमीटर लम्बी और २५ सैंटीमीटर व्यास की नली होती है। इसकी दीवाल में mucus (एक गाढ़ा, फिसलेवाला तरल पदार्थ) होता है। इससे भोजन आमाशय (Stomach) तक आसानी से पहुँच जाता है। भोजन को श्वास नली (Trachea ) में जाने से रोकने के लिए Epiglottis नामक टिश्यू (Tissue) का फ्लैप (Flap) (देखिये चित्र २.३३ ) श्वास नली को ढंक देता है । आमाशय ( जठर ! भोजन ग्रसिका से आमाशय में जाता है । आमाशय की भोजन तथा पेय पदार्थ की सम्मिलित रूप से क्षमता लगभग १५ लीटर होती है। इसमें स्थित ग्रंथियाँ गैस्ट्रिक जूस (Gastric Juice) स्त्रवण करती हैं। यह रंगहीन द्रव होता है, जिसमें ०.४ प्रतिशत हाइड्रोक्लोरिक एसिड ( hydrochloride acid ) होता है, जिससे समस्त भोजन अम्लीय हो जाता है। यह antiseptic और disinfectant का कार्य करता है, भोजन में अनेक कीटाणुओं को नष्ट करता है और भेजन के पाचन का एक medium (आधार) बनता है। इसमें निम्न digestive enzymes विद्यमान रहते हैं : (क) Pepsin (2) Rennin - यह प्रोटीन पर प्रभाव करता है और उसको अधिक घुलनशील Peptones में परिवर्तित करता है । यह दूध को दही में परिवर्तन करने वाला ferment होता है, जो Caseinogen से Casein बनाता है। Casein दूध की प्रोटीन होती है, तब इस पर Pepsin act करता है । यह Fat को spilt करने वाला ferment होता है। (ग) Gastric lipase उपरोक्त Gastric Juice का स्त्रवण भोजन के देखने तथा सूंघते ही प्रारम्भ हो जाता है, फिर खाना खाने से यह बढ़ जाता है । आमाशय में भोजन आने से आमाशय २.४७
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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