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(ख) प्लीहा - Spleen
शरीर के बाएं अङ्ग में नवीं, दसवीं व ग्यारहवीं पसली के पीछे, यह एक गहरे बैंगनी रङ्ग की ग्रन्थि है। धमनी (artery) रक्त को सीधा ही प्लीहा के अन्दर प्लीहात्मक लुगदी (pulp) में मिला देती है, फिर इसके बाद बाहर जाने वाला रक्त नसों (Veins) के द्वारा चला जाता है। प्लीहा के निम्नवत कार्य हैं :--
i) क्षतिग्रस्त रक्त के कणों को रक्त से अलग करना। ii) यह लिम्फोसाइट्स Lymphocytes का निर्माण करता है। ii) यह Retino-Endothelial System का हिस्सा होने के कारण, रोगों से
रक्षा करता है। इस सिस्टम के अन्तर्गत कुछ ऐसे सैल्स (cells) होते हैं, जो विदेशी तत्वों व बैक्टीरिया (bacteria) को नष्ट करते हैं। ऐसे सैल्स लिम्फ ग्रन्थियों (Lymph glands), प्लीहा (spleen), यकृत (liver) और बोन मैरो (bone-marrow) में होते हैं। बोन मैरो हड्डियों की खाली जगह में नरम वसायुक्त पदार्थ होता है, जिसमें रक्त के कणों का उत्पादन होता है।
अध्याय - १० अन्तःस्त्रावी ग्रन्थियाँ - Endocrine Glands
अन्तःस्त्रावी (आन्तरिक स्त्रावण) ग्रन्थियाँ वे ग्रन्थियाँ है जिनके द्वारा स्त्रवित हारमोन नसों के बजाय, सीघे ही रुधिर में मिल जाते हैं।
इनकी शरीर में अवस्थिति चित्र २.२४ में दर्शायी गयी है। हार्मोन (Hamone) ग्रीक भाषा के शब्द से बना है, जिसका अर्थ है - उत्तेजित करना (to excite)