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________________ उपचार पर हिन्दी में पुस्तक प्रमुख बुक स्टॉल पर उपलब्ध है, जिसका नाम "प्राण शक्ति उपचार- प्राचीन विज्ञान और कला- लेखक श्री चोआ कोक सुई" हैं, किन्तु उक्त अन्य विषयों में बाजार में कोई पुस्तक उपलब्ध नहीं है। इनके प्रशिक्षण के समय अंग्रेजी भाषा में सम्बन्धित पुस्तक उपलब्ध कराई जाती है, किन्तु मेरी जानकारी में आज तक इनका हिन्दी रूपान्तर नहीं हुआ है। इन सब पुस्तकों के सार भाग ४ व ५ में वर्णित हैं। इस पुस्तक के दो उद्देश्य हैं: (१) त्यागी-व्रतियों की वैयावृत्य- हमारे त्यागी-व्रतियों की वैयावृत्य के रोगी हो जाने पर, उनकी चिकित्सा करने में काफी कठिनाई आती है, जैसे योग्य वैद्य/डाक्टर की अनुपलब्धता. उनके विभिन्न वस्तुओं का त्याग. दिन में मात्र एक दफा आहार व जल लेना- उसमें भी उचित शुद्ध दवा की अनुपलब्धता, जिस घर में वे आहार ले रहे हों, वहां उनके रोग की जानकारी का न होना आदि। मेरा करबद्ध त्यागीवृतियों के साथ के लोगों से प्रार्थना है कि वे इस पुस्तक का लाभ उठाकर यदि प्राण ऊर्जा चिकित्सा सीख लें, तो वे बगैर दवा के, बगैर स्पर्श के हमारे साधुओं व संघस्थ अन्य त्यागी-वृतियों का समय -समय पर उपचार करके वैयावृत्य करने का आनन्द उठायें। इस उपचार के पूर्व, उनसे अनापत्ति लेना कदाचित् आवश्यक होगी और उनका उपचार करने के लिए उनके दीक्षागुरु से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आशीर्वाद लेना अत्यन्त आवश्यक होगा। (२) स्व- आत्मोन्नति स्वस्थ शरीर द्वारा, प्राण ऊर्जा के सिद्धान्तों का मनन करके, धीरे-धीरे उनका अभ्यास करते हुए, अपने शरीर को तथा दूसरों के शरीर को स्वस्थ रखने के काम में लाएं। फिर कुछ अभ्यास करने के बाद, आप भाग ६ में दिये गये विधि द्वारा प्राण ऊर्जा को ध्यान के उपयोग में कदाचित् ला सकेंगे। इसके लिए जैन धर्म का थोड़ा बहुत ज्ञान आवश्यक होगा, जिसके लिए भाग १ में दिया गया वर्णन कदाचित् पर्याप्त होगा।
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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