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भाग - २ मानव शरीर विज्ञान THE SCIENCE OF HUMAN BODY
अध्याय - १
प्राक्कथन धर्म साधन हेतु शारीरिक एवम् मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होना आवश्यक है। अतएव इसकी समुचित देखभाल करना आवश्यक है और जिसका वर्णन भाग ३ में किया गया है, किन्तु उसको समझने के लिए शरीर के बारे में जानना जरूरी हो जाता है। धर्मग्रन्थों में भी इसी कारण वैयावृत्य का उपदेश मिलता है।
मानव शरीर एक अत्यन्त जटिल कारखाने के समान है, इसमें विभिन्न प्रणालियाँ
अस्थि पिजर तन्त्र
Skeleton System माँस पेशियाँ
Muscles त्वचा
Skin स्नायु/संचार व्यवस्था Nervous/Communication System मस्तिष्क (नियंत्रण व्यवस्था) Brain (Controlling function) संवेदनशील अंग
Senses रूधिराभिसरण तंत्र
Cardiovascular System प्रतिरक्षात्मक तंत्र
Immune System अन्तःस्त्रावी ग्रन्थियाँ
Endocrine Glands श्वसन तन्त्र
Respiratory System पाचन तन्त्र
Digestion System १२. उत्सर्जन तन्त्र
Excretion System १३. प्रजनन तन्त्र
Reproductive System सभी प्रणालियों के तन्त्र एक दूसरे के सहयोग से कार्य करते हैं। इन तन्त्रों का संक्षिप्त वर्णन इस भाग में दिया गया है। मानव शरीर का एक दिग्दर्शन चित्र २. २२ में दिया गया है। पाचन तन्त्र के सन्दर्भ में भोजन के विषय में भी जानना आवश्यक प्रतीत होता है, अतएव उसका वर्णन भोजन का विभागीकरण (The classifcation of food) के रूप में क्रम सं० १२ - पाचन तन्त्र के उपरान्त किया गया
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