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________________ सं० (१२) बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्राण-शक्ति उपचार की समग्र राह Integrated Approach of Pranic Treatment for better health | क्रम | प्रकृति/ तकनीक .. संदर्भ । अन्तराल । उद्देश्य अध्याय | क्रम क । | निवारक प्राणशक्ति उपचार ६ | १० (३५) | प्रति सप्ताह स्वास्थ्य सुधारना, वृद्धत्व की गति कम करना द्वि-हृदय पर ध्यान चिन्तन प्रतिदिन शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक व आत्मिक स्वास्थ्य के लिए सौर जालिका चक्र की सफाई जो| ६ | १० (२६) | आवश्यक्तानुसार नकारात्मक निम्न भावनाओं का केन्द्र है भावनाओं से बचना | आन्तरिक अंगों की सफाई ६ १०(२८) प्रति सप्ताह बेहतर स्वास्थ्य रक्त की सफाई १० (३०) प्रतिरक्षात्मक तंत्र को मजबूत प्रति दो सप्ताह में करने के लिए- जब इसको करें एक बार तो नीचे क्रम (छ) में वर्णित उपचार न करें समस्त शरीर को हर प्रकार से| ६ | १० (३२) शक्ति पहुंचाना एवम् सक्रिय करने के लिए मास्टर उपचार पद्धतिजब इसको करें तो उपरोक्त क्रम (च) में वर्णित उपचार न करें। जिन्सैंग के सेवन द्वारा ३२ । ७ आवश्यक्तानुसार निवारक एवम् शक्तिवर्द्धक मनोरोगों से कैसे बचें | | सदैव निवारक तनाव की स्व-प्राणशक्ति उपचार | आवश्यक्तानुसार उपचारक ५.५४०
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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