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मौन पूर्वक या मौखिक तौर पर उपचार की पट्टापशीलता की स्वीकृति
के लिए प्रार्थना करें। फिर पांच मिनट प्रतीक्षा करें। (ख) उपचारक के पास प्रत्येक रोगी की फोटो होनी चाहिए। निर्धारित समय
पर उन फोटों को एक के बाद छुएं। इससे रोगियों के साथ एक
मजबूत वायवी सम्बन्ध स्थापित होगा। (ग) उक्त क्रम (६) (क) के अनुसार करिए। (घ) एक साथ ही अपने 11 तथा 7 पर ध्यान केन्द्रित करिए। दिव्य
ऊर्जा ऊपर से 11 द्वारा ग्रहण करके, फिर 7 द्वारा हाथों में ग्रहण
कीजिए। ev को चित्रों पर एक या दो मिनट तक प्रेषित कीजिए। (ङ) मानसिक रूप से दिव्य उपचारक ऊर्जा से निवेदन कीजिए कि रोगियों
के पास तब तक रहे, जब तक वे उसका पूर्णरूपेण उपयोग नहीं कर
लेते। (च) धन्यवाद ज्ञापन कीजिए। (छ) जब तक आवश्यक हो, तब तक उपचार सप्ताह में दो या तीन बार
कीजिए। इसका चित्रण चित्र ५.२७ में किया गया है। (११) निदेशित उपचार एवम् दिव्य उपचार का एकीकरण
Combination of Instructive Healing and Divine Healing उपचार या तो सामूहिक रूप से किया जाता है या व्यक्तिगत रूप से। उपचारक दिव्य उपचारी ऊर्जा और दिव्य सुरक्षा के लिए एक छोटी सी प्रार्थना कहता है। फिर उपचारक जोर से मौखिक रूप से दृढ़ विश्वास के साथ कहता है "हे प्रभु, आपको इस रोगी (अथवा सभी रोगियों) का उपचार करने के लिए धन्यवाद । तुम (रोगी/रोगियों) मानसिक, भावनात्मक, वायवी और भौतिक रूप से स्वच्छीकृत और ठीक किए जा रहे हो। तुम्हारा ....... (प्रभावित अंग या भाग का नाम लीजिए) स्वच्छीकृत, ऊर्जित और ठीक किया जा रहा है। धन्यवाद सहित और पूर्ण विश्वास के साथ ।
५.५२८