SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 10
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ शक्ति अनंतानंत जो, अतुलशक्ति गुणधाम | विधि कर्त्ता सु विरंचि जो, प्रतिबोधक बुधनाम ॥ ८ ॥ जिनवर जगत निधांन। ज्ञानवान भगवान ॥ ९ ॥ मदन जीत जगजीत जो, रम्यरमण अभिराम जो, परमाल्हादक चंद जो, नरपति अखिल प्रपाल जो, संत महंत अनंत जो, रमाकंत अरि रागादि निहंतको, मैं शुद्ध चिद्रूप मैं, कमला विमला जो रमा अध्यात्म बारहखड़ी ईश निरीश अनीश जो, जगत शिरोमणि सिद्ध जो, क्षेत्राधीश । सुरपति आदिपुरुष आदीश ॥ १० ॥ भगवंत । अरहंत ॥ ११ ॥ जोय । अंत रहित शुद्ध चेतना शक्ति प्रभू की सोय ॥ १२ ॥ धीश अधीश मुनीश । श्री जगपति अवनीश ॥ १३ ॥ आतमराम अकाम जो काम रूप निर्नाम । 3 रामदेव मनराम जो, सुंदर सरस विराम ॥ १४ ॥ अखिल वेद विद्वान जी, अति उज्जल परभाव । महाराज द्विजराज जो, शुक्ल रूप भव नाव ॥ १५ ॥ क्षिति पालक भय टालको, शरणागत प्रतिपाल । धनुरद्धर धरणीधरो, क्षत्री कहियत लाल ॥ १६ ॥ तुलाधार अविकार जो, ज्ञान तुला मैं तोलिया, सुवरण रूप प्रशस्त | लोकालोक समस्त ॥ १७ ॥ शर्मा वर्मा गुप्त जो, समिति गुप्ति धर धीर । दासनि को आधार जो, महाव्रती अतिवीर ॥ १८ ॥ सुश्रूषा प्रतिभास जो अखिल कर्म ज्ञातार । शूद्रनि हूं कौ नाथ जो, स्याम सकल दातार ।। १९ ।। शुक्ल रक्त अति पीत जो, सुवरण वरण विशाल । हरयो भस्यो घनस्याम जो, रहित स्यामता लाल ॥ २० ॥
SR No.090006
Book TitleAdhyatma Barakhadi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatram Kasliwal, Gyanchand Biltiwala
PublisherJain Vidyasansthan Rajasthan
Publication Year
Total Pages314
LanguageDhundhaari
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Religion
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy