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________________ यशोधर रास सस्त्री श्रीजि मंत्र ते बेह भारही सखी चुधि भवि बली तेह छालु छाली दोइ हुया रे ॥ ३२८ ॥ भिसु खासु बेह जिगी परि दुःखज प्रति सह्यारे । सखी तु पुख जारिए तेन परिसघली वली जिस मूयां रे || ३२६ || " तिहाँ यका ए बेब कूकड युगलु ऊपनां रे । सखी पंजर घाती बेह लिए वन माहि श्रायां रे ।। ३३० ॥ बोलि ग्राम तलार कंपंतु मुनिवर प्रति रे 1 सली ए सहू भापरिण डाल कींधु निकरा बीउ रे ।। ३३१ ।। राति भोजन नोम तिन वार जल गालिसुरे । सखी समकित सहित विशेष तिपि तलवर पनि पडिली रे ।। ३३२ ।। ६३ नीय भव समरी ताम कुकड युगलि पुगग लीजं रे । सखी तीणी दिसी नमी मुनिराउ समकित स्वजे व्रत कह्यां रे ।। ३३३ ।। पामीय धर्म विचार हरषि युगलु वासीउरे । सखी खीजी राजा ताम सबद वेध करी दोइ हृष्णां रे ।। ३३४ ॥ कुमावलि उरि बेह मरी तिहां यी उपनां रे । सखी राजा यशोमतितात धर्म पसाद पामीउ रे ।। ३३५ ।। उयरि वसंता ताम माता निडोह रे । अभय दानती श्रारिंग देश नयर राजा दीइ रे ।। ३३६ ।। वस्तु लाम नर वयर नयर वजेण पूरे मासे । जनमीयां माई बाप वली नाम दीघां । अभयरुष अभगमती कला कुशल वाषंत कोषां 1 कन्या पंच विवाहीउ वाथ्यु मुझ राव देषि । कन्या ऋथ कंशक दिन जगत रहावी रेष ॥ ३३७ ॥
SR No.090004
Book TitleAcharya Somkirti Evam Brham Yashodhar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMahavir Granth Academy Jaipur
Publication Year
Total Pages232
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size3 MB
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