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________________ आचार्य सोमकीति एवं ब्रह्म यशोधर चौथे यशःकीति नागौर गादी पर भट्टारक हुए। जिनका संवत् १६७२ की फाल्गुन शुक्ला पंचमी को रेवासा नगर में भट्टारक पद पर पट्टाभिषेक हुआ था। एक भट्टारक पट्टावली में इनका परिचय निम्न प्रकार दिया हुआ है १५८ 2 "संवत् १९७९ मागुन सुट्टी यः कोटि जी ग्रहस्थन दीक्षा वर्ष ४० पट्ट वर्ष १७ मास १ दिवस = अन्तर दिवस २ सर्व वर्ष ६७ जाति पटनी पट्ट रेवासा 1 रेवासा नगर के आदिनाथ जिन मन्दिर में एक शिलालेख के अनुसार यशः कीर्ति के उपदेश से रायसाल के मुख्य मंत्री देवीदास के दो पुत्र जीत एवं नथमल ने मन्दिर का निर्माण करवाया था । उनके प्रमुख शिष्य रूपा एवं डूंगरसी ने धर्मपरीक्षा की एक प्रति गुएरचन्द्र को भेंट देने के लिये लिखवायी थी तथा रेवासा के पंचों के उन्हें एक सिंहासन भेंट किया था । पांचवें यशः भोलि ने संवत् १८१७ में हिन्दी में हनुनचरित्र की रचना की थी जिसकी एक पाण्डुलिपि डूंगरपुर (राजस्थान) के कोटडियों के मन्दिर के शास्त्र भण्डार में संग्रहीत है। छठे यशःकीति भट्टारक सकलकीति की परम्परा में भ. रामकीति के शिष्य हुए जिन्होंने धुलेव में सं. १८७५ में चारुदत्त श्रीष्टिनो रास की रचना समाप्त की थी। इसके एक पांडुलिपि दि. जैन संभवनाथ मन्दिर उदयपुर में संग्रहीत है । इनका भट्टारक काल संवत् १०६३ से प्रारम्भ होता है । भट्टारकों के प्रतिरिक्त और भी यशःकीति हो यशःकीति १५-१६ वीं शताब्दि के विज्ञान थे । वाले नट्टारक थे जो भ सोमकीति के उत्तरवर्ती भट्टारक पद पर अभिषिक्त हुये थे । ब्रह्म यशोधर ने पई में इन्हें अपने गुरु के रूप में स्मरण किया है। 2 यश कीर्ति का समय १५०० से १५६० तक का माना जा सकता है । संवत् १५८५ में जब ब्रह्म यशोधर ने बलिभद्र चुपई की रचना की थी उस समय उनके पश्चात् भ. विजयसेन और हो चुके थे । यदि एक भट्टारक का काल २५ वर्ष का भी मान लिया जावे तो इस हिसाब से संवत् १५६० ही ठीक बैठता हैं । उक्त यशःकीत्ति नाम बाले मकते है | हमारे चरित्र नायक बे रामसेत की परम्परा में होने थे तथा सोमकीति के पश्चात् नेमिनाथगीत में एवं बलिभद्र 1. राजस्थान के जैन शास्त्र भण्डारों को ग्रंथ सूची पंचम भाग पृष्ठ सं. ४१६. 2 श्री यसको ति सुपसाउलि ब्रह्म यशोधर भणिसार नेमिनाथ गीत । AA
SR No.090004
Book TitleAcharya Somkirti Evam Brham Yashodhar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMahavir Granth Academy Jaipur
Publication Year
Total Pages232
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size3 MB
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