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इसी शृङखला की एक कड़ी है । इसके प्रणेता डॉ० वी० बी० मुसलगांवकर राज्य के सुपरिचित विद्वान हैं । आचार्य हेमचन्द्र उनके अध्ययन के प्रमुख विषय रहे हैं। मेरा विश्वास है कि डॉ. मुसलगांवकर की यह कृति भारतीय काव्यशास्त्र के विद्यार्थियों की आचार्य-हेमचन्द्र-विषयक जिज्ञासा की पूर्ति करने में सहायक सिद्ध होगी।
प्रभुदयालु अग्निहोत्री
संचालक : मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी