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________________ 4/50 प्राकृत एवं जैन साहित्य के विख्यात एवं अधिकारी विद्वान डा० हीरालाल जैन की सम्मत्ति मैंने डा० वि० भा० मुसलगांवकर द्वारा रचित “आचार्य हेमचन्द्र" शीर्षक ग्रन्थ का अवलोकन किया है। उन्होंने अपनी इस रचना के टंकित २०० पृष्ठों में आचार्य हेमचन्द्र के जीवन चरित्र और उनके संस्कृत काव्य, ध्याकरण, अलङ्कार, कोश, छन्द तथा दार्शनिक रचनाओं का विशेष रुप से परिचय कराया हैं। इसमें न तो अपने विषय को बहुत विस्तार दिया है और न इतना संक्षिप्त रखा है कि उसका सामान्य रूप से पूर्ण ज्ञान न हो सके । इस प्रकार इन कलिकालसर्वज्ञ उपाधि प्राप्त महान आचार्य हेमचन्द्र की विशाल साहित्यिक देन का सरल और सुबोध ज्ञान इस ग्रन्थ से प्राप्त किया जा सकता है । हिन्दी में ऐसे बहुत कम ग्रन्थ है जिनसे आचार्य हेमचन्द्र तथा उनकी रचनाओं का छमग्र रूप से परिचय प्राप्त किया जा सके। मैं इस सफल रचना के लिए डा० मुसलगांवकर का अभिनन्दन करता हूँ और आशा करता हूँ कि उनकी इस रचना के प्रकाशित हो जाने से १२ वीं शताब्दी के एक महान साहित्यकार की संस्कृत एवं संस्कृति सम्बन्धी देन को समझने समझाने में पाठको तथा विद्वानों को बहुत सहायता मिलेगी। हीरालाल जैन
SR No.090003
Book TitleAcharya Hemchandra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorV B Musalgaonkar
PublisherMadhyapradesh Hindi Granth Academy
Publication Year1971
Total Pages222
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size16 MB
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