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कृतियाँ ।
और प्राचारिज कायमुनानगलमयसादिक्षासिध्यादयनमनाच विकतारेयास शुरुराधारले सर्वसाधुलणारेह मेंनीच सुरुचाएक नमलहरकरार है।।१॥सवईयाकलासा जयपुरनगर
माहिराधोलावावडेडेगुनाजहीमेटेयसारहे। जिम तिलिचोम में प्रयासमकामावुद्धिसासुंधरागतेविवार
सारयताकादेशके वचन रूपनामाकरापासबमिरेधा है। प्राचापरलेटमानियलागिछपात्याही प्रातसय हेबावसार विसरावकमतरांसदशमनोरथो सावकातीवादा पूरणप्रेयसतरनित्रामादकैट
मादामहतसमयमालतनामुपासतमायधमकायत रामवावआचार्ससनेसस्कतका अन्दुसारर्यहसंक्षेप लावायमान शिनास देशमामामयचनिकासपूरमिin
आत्मख्याति की पण्डित जयचन्द छाबड़ा कृत देशभाषामय वचनका को
हस्तलिखित प्रति का अन्तिम पृष्ठ ।
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