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गणिनी आयिका सुपार्श्वमति माता जी का
जीवन परिचय
जन्म स्थान
संवत् तिथि पिता श्री
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जन्म नाम
विवाह पति का नाम पति का स्वर्गवास
साधु दर्शन
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मैनसर
१९८६ फाल्गुन शुक्ला नवमी हरकचन्द चूणीवाल
भंवरी बाई उम्र १२ वर्ष, नागौर श्री इन्दरचन्द जी बड़जात्या ३ माह के बाद स्वर्गवास
(बाल-विधवा)
८ वर्ष की उम्र में आ. क. चन्द्रसागरजी महाराज
संवत् २००५ में आर्यिका इन्दुमति माता जी वि. सं. २०१४ भाद्रपद शुक्ला छठ
__आचार्य वीरसागर जी २५ से अधिक ग्रन्थों का लेखन एवं
__ अनुवाद, संपादन अनेकों भव्य जीवों को शिक्षा-दीक्षा देकर धर्म मार्ग में लगा रही हैं ।
वैराग्य भावना
प्रथम गुरु आयिका दीक्षा दीक्षा गुरु साहित्य सृजन
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दीक्षाएं दी
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