________________
मुनितोषणी टीका
उवस्मयस्सअंतोओरालियशरीरे स्थानक के अंदर पंचेन्द्रियका || " (उपाश्रयम्यान्तरौदारिकशरीरम) कलेवर पडा हो
जिस स्थानक म | जब तकपडा रहे ,
| १ अपादी २ भाद्रपदी २८ | महापुणिमा ५ (महापूर्णिमा ) |३ आश्विनी ४ कात्तिकी | सब जगह | ८ पहर
५ चैत्री
श्रावण वदि १,आश्विन वदि१ ३० महापरिकर ५ (महापतिपदः) | कार्तिक वदि १, मार्गशीर्ष |
सब जगह | वदि १,बैशाख वदि १ (५महा
। ८ पहर पूर्णिमा केदसरे रोज)
१ मूहर्त (आधा| ३४ संझा (संध्या) ४
प्रभात १ दुपहर २ सांझ३/
| सब जगह | मुहत पहले का | दशवैकालिअर्धरात्रि ४
आधा मुहून | कादि न पढे । पीछे का)
॥ इति अस्थाध्याययन्त्रम् ॥