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अनुयोगद्वारसूत्रे स्थाप्यते तद् गणनाम बोध्यम् । यथा-मल्लो मल्लदत्तो मल्लधर्म इत्यादि । यस्या अपत्यं जातमात्रमेव म्रियते सा स्वापत्यजिवित हेतोयरिकमपि नाम करोति तज्जी. वितनाम, यथा-अबकरक उत्कुरुटक इत्यादि । तथा-यन्नाम गुणनिरपेक्ष स्वाभिमायवशेन लोकरूढया व्यवस्थाप्यते तत् आभिमायिकनाम । यथा-अम्बको निम्वक होता है, वह यहां गण शब्द का अर्थ है । उस नाम से जो किसी का नाम स्थापित किया जाता है वह गण नाम है । जैसे (मल्ले, मल्लदिन्ने, मल्लधम्मे, मल्लसम्मे, मल्लदेवे मल्लदासे, मल्लसेणे, मल्लरक्खिए) मल्ल, मल्लदत्त, मल्लधर्म, मल्लशर्मा, मल्लदेव, मल्लदास, मल्लसेन, मल्लरक्षित । (से तं गणनामे) इस प्रकार यह गण नाम है। (से किं तं जीवियनामे) हे भदन्त ! जीवित नाम क्या है ? (जीवियनामे) जिस स्त्री का अपत्य-(संतान) उत्पन्न होते ही मर जोता है, वह उसके जीवित निमित्त उसका चाहे जो नाम रख लेती है, वह 'जीवित नाम' है। वह इस प्रकार से है-(अवकरए, उक्कुरडए, उज्झिए, कज्जावए, सुप्पए) अवकरक, उत्कुरूटक, उज्झितक, कचवरक, शपैक । (से तं जीवियनामे) इस प्रकार से यह जीवित नाम । (से किं तं
आभिप्पाइयनामे) हे भदन्त ! आभिप्रायिक नाम क्या है ? : उत्तर-(आभिप्पाइयनामे) गुण की अपेक्षा किये विना जो नाम अपने अभिप्राय के वश से लोकरूढी को लेकर रख लिया जाता है वह गणनामे) B RE ! a नाम शु छ। (गणनामे) मायुध विमाना २ સંધ હોય છે, તે અહીં ગણુ શબ્દથી સંબંધિત સમજવું જોઈએ આ નામથી ગમે તેનું નામ રાખવામાં આવે છે, તે ગણનામ છે. જેમ કે (मल्ले, मल्लदिन्ने, मल्लधम्मे, मलसम्मे, मलदेवे, मलदासे, मलसेणे मल्लरक्खिए) Hea, महत्त, भल्सयम, मसशर्मा, महेव, महास, भासन, २क्षत. (से कि त जीवियनामे) 3 RE! लवित नाम शु ®. (जीविय नामे) २ श्रीन सतानपन्न थdir भर पामे छ, ते તેના જીવિત નિમિત્તે તેનું ગમે તે નામ રાખી લે છે. તે “જીવિતનામ” છે. a मा प्रमाणे छ. (अवकरए, उक्कुरुडए, उज्झि भए, कज्जावए, सुधए) म१४२४, GEves, Gleads, ४२१२४, शू५४ (से कि त जीवियनामे) मा प्रभारी म लवितनाम छ. (से कि त आभिप्पाइय नामे) त ! આભિપ્રાયિક નામ શું છે? . उत्तर-(आभिप्पाइय नामे) गुना आधारे नहि ५ वाशति भुश જે નામ પિતાના અભિપ્રાય મુજબ રાખવામાં આવે છે, તે આભિપ્રાયિક