________________ 61) पञ्चतीर्थीः सं. 1380 वर्षे कार्तिक सुदि 13 खरतर श्री जिनचंद्रसूरिपट्टालंकार....... श्रीजिनकुशल.......... प्रतिष्ठितं।। 62) अम्बिका-मूर्तिः सं. 1380 कार्त्तिक सूदि 14 श्री जिनचंद्रसूरि-शिष्य-जिनकुशलसूरिभिः श्रीअंबिका प्रतिष्ठितं। 63) आदिनाथमूर्तिः संवत् 1381 वर्षे वैशाख वदि 5 गुरौ ? वारे...... श्रीजिनकुशलसूरिभिः (आदि) नाथदेवबिंब कारितं सा. वामदेव। 64) सं. 1381 वैशाख वदि 5 श्रीपत्तने श्रीजिनचंद्रसूरिशिष्यैः श्रीजिन-कुशलसूरि (प्रति)ष्ठितं। कारितं च श्रीदेवगिरिवास्तव्य ऊकेशवंशीय सो. नाना पुत्ररत्नेन सो. गोगा सुश्रावकेण सो. ....... तस्य भ्रातृ सा. सागण भार्या काऊ सुश्राविकायाः श्रे(योर्थ)आचंद्रार्क नंदतात् / / 6 / / शुभं भ (वतु) 65) अम्बिकामूर्तिः __ सं. 1381 वैशाख व. 5 श्रीजिनचंद्रसूरिशिष्यैः श्रीजिनकुशलसूरिभिरंबिका प्रतिष्ठिता।। ___66) जिनप्रबोधसूरिमूर्तिः ।।सं. 1381 वैशाख व. 5 श्रीपत्तने श्रीशांतिनाथविधिचैत्ये श्रीजिनचंद्रसूरिशिष्यैः श्रीजिनकुशलसूरिभिः श्रीजिनप्रबोधसूरिमूर्तिः प्रतिष्ठिता।। कारिता सपरिवारैः स्वश्रेयोऽर्थं / / 6 / / 61. भाभा पार्श्वनाथ देरासर, पाटणः जै. धा. प्र. ले. सं., भाग 1, लेखांक 236; भो. पा. लेखांक 1590 62. हाला मंदिर, ब्यावर, भँवर. (अप्रका.) क्रमांक 1; जै. ती. सर्व. भाग 2 पृ. 372 63. खरतरवसही, शत्रुजयः भँवर. (अप्रका.), लेखांक 69 64. 'शत्रुजय गिरिराज अप्रकट प्रतिमालेखो', मधुसूदन ढांकी और लक्ष्मण भोजकः संबोधि, वो. 7, नं. 4; भँवर. (अप्रका.) लेखांक 106 65. महावीर जिनालय (वैदो का) बीकानेरः ना. बी. लेखांक 1312 66. हाला मंदिर, ब्यावर: भँवर. (अप्रका.) क्रमांक 1 इतिहास के आइने में - नवाङ्गी टीकाकार अभयदेवसूरिजी का गच्छ /133