________________ अष्टप्र. // 5 // वजाविश्रो नरिंदोमयणावलिपाससंठियनरेहिं / देवी वियलियगंधा संजाया देवपुन्नेहिं // 17 // गंधपू. अमयरसेण व सित्तो तं वयणं निसुणिऊण सो ताण / दाउं पजूय दाणं संपत्तो तीय पासंमि॥१०॥ तहसणतुणं नरवश्णा गयवरंमि आरूढा ।आणीया नियगेहं सा नजा परम नेहेणं // 11 // 8 संतुझो जा राया नयरंमि महसवं कुणई रंमं।ता देवीइसमे जणि उडाणपालेणे // 111 // देव मणोरमनामे उजाणे अमयतेय मुणिवश्णो। लोयालोयपयासं उप्पन्नं केवलं नाणं // 11 // इत्थंतरंमि राया जणि देवीहरिसियमणाए।सामिय महूसवा एसो परमूसवोरंमो // 113 // है। तागंमत मुणिपासे समयं चिय सब नयरिलोएणाश्य नणिएँ संचलिश्रो संपत्तो मुणिसयासंमि॥ केवलिणो पयकमलं नमिऊण सपरियणो वि नरनाहो।उवविछो पयमूलं धम्म सो समाढत्तो॥ पत्थावं लहिऊणं पुछो मयणावलीमुणिनाहो। जयवंको सो सुयगो"जेणारं बोहिया उहिया॥|| नणिया सा केवलिणा नद्दे तुह एस पुवनवनत्ता। देवो तुझसयासे समागर्म कीररूवेण // 11 // |तित्थयरा मुणी सविसेसं तुझ संतियं चरियं / तुहपुकनासणत्थं साह सुयमिहुणरूवेणे॥ || पुनश् पुणोवि तुझा नयवं सो"श्च सुरसमूहंमि। चिश् सो देवसुश्रो साहसु श्रेश्कोअगं मला नणिया जो तुह पुरोचिश्मणिरयण कुंमलाचरणो।सो एसोदेवसुश्रो नद्दे तुह पुत्वन्नवनत्ता॥ 1 ती३।२ पवर / 3 करावे।४ उजाणपालेहिं। एअमहसवो। ६नयरलोएणं / जणि / मुणिसगासंमि।। ए य / 10 पयमले / 11 सूत / 12 तह कीररूवणं / 13 तुह / 14 अश्कोन्यं / // 5 // C AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak TE!