________________ ___ #. 32 110 काम वासना वाली 3. चित्रविचित्र काम वासना वाली 4. अतिशय कामवासना वाली होती है / 1. अल्प प्रस्वेद वाली 2. बहुत प्रस्वेद वाली 3. मध्यम प्रस्वेद वाली और 4. अतिशय प्रस्वेद वाली होती है / 1. अल्प क्रोधी 2. अतिशय क्रोधी 3. विचित्र क्रोधी 4. लम्बे क्रोध वाली होती है। 1. पुष्पों का समूह प्रिय होता है 2 मोती प्रिय होते हैं 3. विभूषा प्रिय होती है 4 कलह प्रिय होता है 1. अल्प आार वाली 2. ज्यादा आहार वाली 3. कम पाहार वाली 4. अतिशय माहार वाली होती है / 1. कमल के समान सुन्दर हाथ वाली 2. शंख के समान हाथों वाली 3. मगर के समान हाथों वाली 4. मत्स्म्य के समान हाथों वाली होती है। - "स्त्रियों के शुभ और अशुभ दो प्रकार के लक्षण होते हैं / पूर्ण चन्द्र के समान मुख वाली, बाल सूर्य जैसी : कान्ति वाली, विशाल मुख वाली और लाल होठ वाली शुभ कन्या कहलाती है / अंकुश, कुन्डल और चक्र जिसके हाथ में हो वो पुत्र को जन्म देती है व उसका पति राजा बनता है। जिसके हाथ की हथेली पर तोरन होता है, व दासी के कुल में जन्मी हो तो भी राजा की पत्ती बनती है / जिसके हाथ में मंदिर, कमल, चक्र, तौरन, छत्र और पूर्ण कुभ होता है व राजपत्नि बनती है और उसके बहुत पुत्र जन्मते हैं / जो स्त्री कोमल अंग वाली; हिरण के समान नेत्रों वाली, पतली मर्दन वाली और पेट वाली, जिसकी चाल हंस की तरह हो वह राज पत्नि बनती है। जिस स्त्री के छोटे बाल जो गोल मुख वाली और P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. . Jun Gun Aaradhak Trust