________________ * 1361 पंल्यक की भाजी, कोमल इमली इस प्रकार 32 अनंतकाय, का त्याग / 1 मध, 2 मदिरा 3 मांस 4 मक्खन 5 उदुंबर वृक्ष के पांव अंग, रात्रि भोजन, बोल अथाणा, बोल अठा, बर्फ, करा, कच्ची मिट्टी, कच्चा दूध-दही साथ में द्विदल फुग वाला, चलित रस वाला, अज्ञात फल, तुच्छफल, बहुवीज फल इस प्रकार 32 अभक्ष्य का त्याग किया / 15 कर्मादान, अंगार कर्म, वन कर्म, शकट कर्म, गाड़ी अश्व आदि किराये पर फिने खेती, बोरीग पृथ्वी खुदवाना, दन्त वाणिज्य, कस्तुरी, दांतवाले, पंख, ऊन, हिलते, चलते प्राणी के अंग का व्यापार नहीं करना / मद्य, मक्खन, मांस, द्ध, घी, तेल आदि का व्यापार नहीं करना / विष, अफीम, सोमल, शस्त्र, हल, खुदाली, फावड़े आदि का व्यापार नहीं करना। जिन, चक्की, घाणी, पशु पंखी की पूछ काटनी, पीठ गालना, डाम देना. खसी करना, दव, धन, खेत में अग्नि, कुए, तालाब खुदबाना,नहर कडवाना,पानी सुकवाना,असती का पोषण, मैना,पोपट, वेश्या आदि का पोषण मोर उसकी कमाई लेने आदि धन्धे का त्याग किया। ___प्राठवां अनर्थदण्ड विरमण व्रत, मार्तध्यान, रौद्रध्यान, पाप * का उपदेश नहीं करना, हिंसक वस्तुओं का दान नहीं देना, प्रमाद नहीं करना। शस्त्र, अग्नि, सांबेला, यन्त्र प्रौषध, पक्षियों का युद्ध करुगा नहीं, फराऊगा नहीं। P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust