________________ * 136 पंल्यक की भाजी, कोमल इमली इस प्रकार 32 अनंतकाय, का त्याग / 1 मध, 2 मदिरा 3 मांस 4 मवखन 5 उदुबर वृक्ष के पांच अंग, रात्रि भोजन, बोल अथाणा, बोल अठा, बर्फ, करा, कच्ची मिट्ठी, कच्चा दूध-दही साथ में द्विदल फुग वाला, चलित रस वाला, अज्ञात फल, तुच्छफल, बहुवीज फल इस प्रकार 32 अभक्ष्य का त्याग किया / 15 कर्मादान, अंगार कर्म, वन कर्म, शकटकर्म, गाड़ी अश्व आदि किराये पर फिने खेती, वोरीग पृथ्वी खुदवाना, दन्त वाणिज्य, कस्तुरी, दांतवाले, पंख, ऊन, हिलते, चलते प्राणी के अंग का व्यापार नहीं करना / मद्य, मखन, मांस, दुध, घी, तेल आदि का व्यापार नहीं करना / विष, अफीम, सोमल, शस्त्र, हल, खुदाली, फावड़े आदि का व्यापार नहीं करना। जिन, चक्की, घाणी, पशु पंखी की पूछ काटनी, पीठ गालना, डाम देना. खसी करना, दव, धन, खेत में अग्नि, कुए', तालाब खुदवाना,नहर कडवाना,पानी सुकवाना,असती का पोषण, मैना,पोपट, वेश्या आदि का पोषण और उसकी कमाई लेने आदि धन्धे का त्याग किया। पाठवां अनर्थदण्ड विरमण व्रत, प्रार्तघ्यान, रौद्रघ्यान, पाप का उपदेश नहीं करना, हिंसक वस्तुओं का दान नहीं देना, प्रमाद नहीं करना / शस्त्र, अग्नि, सांवेला, यन्त्र औषध, पक्षियों का युद्ध करुंगा नहीं, कराऊंगा नहीं। P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust