________________ मर ..अ.राध क्षमा करिये अाप कोई मान्. तेजस्वी-पुरुष हैं, यह मेरी, पुत्री के सिवाय किसी से विवाह करना नहीं रहती, तो आप इसे महण करो / राजा ने कहा हे भीलों के राजा ! ये कन्या, भीलनी है, मैं .. क्षत्रिय हूं मेरे कुल को कलक लगेगा। Fi... मोहिनी ने कहा 'हे प्रभु ! मापका वस्त्र दो उसे मैं वरण करू।। जब वस्त्र नहीं मिला तो कहने लगी कि अपनी पादुका दे दीजिये, मैं: पादुका लेकर हृदय में धारण कर अपने जन्म को सफल करूंगी. हे :नाथ ! आपकी सेविका बनकर महल के बाहर हमेशा कार्य करूंगी; ' अगर अाप नहीं देंगे तो अग्नि में प्रवेश कर जाऊंगी। यह सुनकर : राजा ने पादुका दी वहां बड़ा भारी उत्सव मनाया गया / भील राजा. ने कहा कि जो वस्तुएं मैंने मोहिनी के लिये तैयार करवाई. हैं उन्हें ग्रहण करो। अश्व, हाथी, रथ, रत्न, मोती,तरह 2 के कीमती वस्त्र, सेवक आदि. श्रीचन्द्र राजा के पास लाकर रखे। .... उन में अपने पंचभद्र अश्वों को सुवेग 4 से युक्त देखकर राजा हपित हुए। उन दोनों अश्वा ने प्राकर राजा को नमस्कार किया,... हर्ष से हेपाख नृत्य करने लगे, उन्हें अपने हाथों से स्पर्श कर स्वीकार , करते हुए कहा कि अहो / ये अद्भुत प्रदव कहां से पाए ? भील राजा ने कहा हे देव ! भील लोग एक बार डाका डालने गये थे.तब रास्ते में उन्होंने एक गायक से रथ और अश्व ले लिये, गायक भाग गया। उन भीलों ने अश्वः और रथ मुझे दिये हैं। उस दिन से ही ये अश्व बहुत दुखी थे प्रो र सारी रात इनकी आंखों में से प्रांसू बहते थे। इनकी P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust