________________ भी खोल सकता है ? इतने में तो नायकपुर नगर की तरफ बाजों की मावाज गूजने लगी। चोर यह सोच कर कि यह राजा की सेना है सबसे पहले भाग खड़ा हुमा और बाद में दुसरे पांच व्यक्ति भी भाग छूटे / 10- F i in ... .." .... .. .TH. - चोर की पगड़ी में से श्रीचन्द्र ने गोली निकाली और मुंह में रखकर अदृश्य हो वृक्ष पर बैठ गये। इतने में रविदत्त मंत्री पद चिन्हों के जानकारों को साथ लेकर आया / उन लोगों ने एकाग्र चित्त से चिन्हों का निरीक्षण किया। वहां पद चिन्ह तो दिखाई देते थे परन्तु कोई मनुष्य दिखाई नहीं देता था। जिससे उन्होंने मन्त्री से कहा कि हे स्वामी ! क्या यहां कुछ संभव है ऐसी कोनसी शक्तिशाली मात्मा यहां भाई होगी? उसकी सैनिकों द्वारा खोज कराइये / चारों तरफ से सेना ने श्वान बीन की लेकिन वापिस खाली हाथः रात्रि को नगर में लौट भाई। बाद में श्रीचन्द्र ने अपने इच्छित स्थल की ओर भयारण किया। का... Fits:: iranti : " ISI FF 5.51 .. .... . .: . पूर्वे पुण्य के प्रताप से श्रीचन्द्र को चारों तरफ जहां जाते हैं संपत्ति ही प्राप्त होती है। यात्रा में उन्हें स्वर्ण पुरुष प्राप्त हुआ / पदृश्य होने वाली गुटिका के कारण श्रीचन्द्र बहुत प्रभावशाली बन पये। रास्ते में एक कुटिया में बहुत से मनुष्यों को बातें करते सुना कि कुशस्थल के राजा प्रतापसिंह और सूर्यवती पट्टराणी के पुत्र कुल में चन्द्रमा के सदृश्य ऐसे थी 'श्रीचन्द्र' जय को प्राप्त हों।. . fit, सिंहपुर के श्रेष्ठ सुभगांग राजा की पुत्री पद्मिनी : चन्द्रकला P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust