________________ सज्जित और पान चबा रहा था। उसने जलकुण्ड के पास जाकर पानी पीया और जल लेकर गुफा में चला गया और वहां जल रखकर पहले की तरह बाहर आया और गुफा के आगे शिला रखकर बावड़ी के जल से मुह को साफ करके मुह में अद्भुत गोली रखते ही वह न्यक्ति अदृश्य होगया पहले ही की तरह धूप में उस मनुष्य की छाया दिखाई दी। छाया दूर गई ऐसा जानकर श्रीचन्द्र' गुफा के प्राये से भारी शिला को उठा कर अन्दर प्रवेश कर गये। ..., TET : REP 16. " "गुफा के अन्दर कंचन और रत्नों से भरपूर एक महल के बीच में प्रौढ़ उम्र की स्त्री को देखा और नमस्कार करके कहने लगा, 'हे बहन ! तुम यहां अकेली कौन हो ?' प्रांखों में प्रांसू लाती हुई वह कहने लगी, 'हे उत्तम पुरुष ! नायक नगर में ब्राह्मण सार्थवाह लोग रहते हैं। वहां का राजा भी ब्राह्मण है और. रविदत्त मंत्री भी झाह्मण है, उसी. की. मैं शिवमती नाम की पत्नि हूँ / राज्य के रक्षा के लिये पूरा बंदोबस्त होते हुए भी हमेशा चोरिये, हुआ करती थीं। जिससे नगर के लोगों ने राजा से कहा कि अगर प्रापसे राज्य : को रक्षा नहीं हो सकती हो तो.. हम कुश स्थल के राजा से रक्षा के लिए प्रार्थना कर!' : TET : : .. रोजा ने कुछ भय से व्याकुल होकर लोगों का सम्मान करके कोतवाल को बुलाकर 'गुस्से से उपालम्भ दिया। कोतवाल ने कहा 'राजन् कोई सिद्ध चोर है ऐसा दिखता है, प्राज रात मैं उसे खोज निकालूगा। कोतवाल ने रात को बहुत छान बीन की परन्तु चोर P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust