________________ // श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथाय नमः // . श्री गौतम स्वामिने नमः . . .. . पू. आ. देव श्री सिद्धर्षि गणि कृत श्री श्रीचन्द्र' केवलि चरित्र : द्वितीय भाग मंगलं भगवान् वीरो, मंगलं गौतमः प्रभुः / मंगलं स्थूलभद्राद्या, ' जैनो धर्मोऽस्तु मंगलम् // . . [ तृतीय खराड ] ... . . चन्द्र के समान कान्तिवान प्रतापसिंह राजा का पुत्र श्री 'श्रीचन्द्र' घूमते हुए तथा देखने वालों को आनन्द देते हुए कभी घोड़े पर, कभी गाड़ी पर, किसी जगह पैदल, कभी दिन में, कभी रात में, श्री परमेष्ठी महामन्त्र के पद के ध्यान से पूर्व पुण्य के प्रताप से और गुरु की दी P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust