________________ - भाषाटीकासहित. 91 रानी-तब क्या तुमनेभी हमारेही समान उस क्षत्रिय कुलागारको परित्याग किया ? . वधू-( गम्भीर स्वरसे ) हां किया. रानी-धन्य तुमारी जननी जो तुझे गर्भ में धारण _करके पवित्र हुई है. ऐसे नराधम पुत्रकी अपेक्षा तुमारे समान वीर कन्या लाभ करनेसे वंश पवित्र होता क्षत्री नाममें यह कलंक कभी न लगता पुत्री, मेरे इस दारुण / दुःख क्षोभके समय यही एक मात्र प्रवोध हैं कि तू मेरे गृहको लक्ष्मी है अब यह दूत तुमारे ही आदेशकी - अपेक्षा कर रहा है, उससे जो कुछ कहना हो सो कह कर विदा करो.. वधू-( दूतकी ओर मुखकरके ) दूत, तुम उस - रणभीरु पुरुषसे यह कहना कि स्वदेशकी स्वाधीनता पतृकुल के गौरव और पतिव्रताओंके मानसे अपना जावन यदि आधिक मूल्यवान समझ रक्खा है तो वह सिह ताडित शृगालकीनाई प्राण लेकर जहां इच्छा हो पलायन करे, मेरे लिये उसको सोचना न पडेगा, क्ष P.P.AC.Gunratnasuri M.S., Jun Gun Aaradhak Trust: