________________ . स्त्रोचरित्र. भयो पंक अतिरंकको तामै गजको जूथ फसोरी / न कोउविधि निकसिसकोरी॥९॥ कंकन बाँधौ करमें सवरे चूरी डारहु तोरी। एक मतो करि दृढ व्है सवरे आगेहि चरन धरोरी / मचावहु गहिरी होरी // 10 // अवलनसों जिन डरहु धाइ दृढ करिके कः रन गहोरी निपट निलज करिके झक झो रहु अरुन रंगमें वोरी। छबी लिन रंगन रंगोरी ॥११॥होरी सब ठावन लै राखी पूजन लै लै रोरी। घरके काठ डारि सब दीने गावत गीतन गोरी / झुमकामि रहोरी // 12 // फेर धुरहरी भई दूसरे दिन जब अगिन बुझोरी // सब कछु जरि गयो हाँ रीमें तब धूरहि धूर बचोरी नामयमघंट परोरी // 13 // फॅक्यो सब कछ भारतन P.P:AC.Gunratnasurr M.S: UN A nak