________________ 206 स्त्रीचरित्र. आगे बैजाबाईका संक्षेप वृत्तांत हम लिखते हैं. वैजाबाई. बैजाई एक मरहठे सरदार दीवान श्रीजीराव घट केकी पुत्री थी, उसके भाईका नाम हिन्दूराव था, हिन्दूरावकी तसबीर दिल्लीके अजायवखानेमें अब तक लटकती है, उसके देखकर बैजाबाईके रूपका अटकल हो सकता है, बैजाबाईका विवाह दौलतराव सेंधियाके साथ - बडी धूमधामके साथ हुआ, यहां तक कि सेन्धियाका कोष (खजाना) ऐसा खाली होगया कि फौजको तलब (पगार ) तक चुकानेमें कठिनाई होगई; बैजाबाई बडी उदार चित्त और वीर स्त्री थी, सेन्धिया उसका बहुत आ- दरसत्कार करती, यहां तक कि विना उसके पूंछे कोई काम नहीं करता था, विक्रमीय सम्वत् 1885 में जब . महाराज सेन्धियाका परलोक होगया. तब वैजाबाई 2 कोई पुत्र व कन्या न थी, इसकारण बैजाबाई स्वयं .. गद्दी पर बैठे और राज्य करने लगी. वैजाबाईका इच्छा थी कि अपने पिताके वंशमेंसे किसीको गोद ले P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Gun Aaladnak Trust