________________ 196 स्त्रीचरित्र. में भी प्रायः उपद्रव उठनेका भय रहता है, अहल्याबाईने जव तक राज्य किया तब तक केवल एकही दीवान गोविंद पंडित गन्नू रहा, खंडेराव बरावर वीस वर्ष पर्यन्त इन्दौरका प्रवन्ध करता रहा. वाईके वकील श्रीरंगपट्टन नागपुर, हैदरावाद, पूना और लखनऊ आदि नगरोंमें रहते थे, उसका लेन देन भारत वर्षके दूर दूरके राजा महाराजाओंसे रहता था, वाईने अनेकगढ़ और काटे बनवाये, बहुत साधन व्यय करके विन्ध्याचलका पहाड काटकर सडक निकाली है, सब सब राज्यभरमें वाईने लाखों रूपये लगाकर देवमन्दिर धर्मशाला और पक्के अनेको कुवां बनवाये, काशी, प्रयाग, द्वारका जगन्नाथ, सेतबंधरामेश्वर, केदारनाथ आदि प्रायः सबही तीर्थस्थानोंमें बाईने मन्दिर बनवाकर सदावृत नियत करदिया था, जो मन्दिर आज तक बने हुये हैं, काशीपुरीमें विश्वेश्वरनाथजीके मन्दिर पर ओ सुवर्ण महागया था, इन्दोर नगरनदी दाहिने -- तटपर था, परंतु विक्रमीय संवत् 1827 में बाइन P.P.AC.GunratnasuriM.S.. Jun Gun Aaradhak Trust