________________ / भाषाटीकासहित. महाराज जयचन्द्र क्षत्रियोंमें राठूर वंशीय थे, कन्नौजमें यह निर्भय राज्य करते थे और महाराज पृथ्वीराज क्षत्रियोंमें चौहान वंशीय थे दिल्लीमें यह निर्भय राज्य करते थे, इन दोनोंका राज्य बहुत बडा था, दिल्लीके महाराज अनंगपाल तोमर वंशीयकी दो. कन्याओं से एकके पुत्र महाराजा जयचन्द्र थे, दूसरीके पुत्र महाराज पृथ्वीराज थे, किसी कारणसे महाराज अनंगपालने पृथ्वीराजको अपनी गद्दी सौंप दी थी, उस कारणके यहां पर लिखनेकी आवश्यकता नहीं है, पृथ्वीराजका अनंपालकी गद्दीपर बैठना जयचन्द्रको अच्छा नहीं लगा, इसीसे जयचन्द्र और पृथ्वीराजमें अनवन होगई थी, जब पृथ्वीराजने बड़ी धूमधामके अश्वमेध यज्ञ किया, तो इर्षा देषके कारण जयचन्द्रने अधिकतर यश प्राप्त हानेकी इच्छासे राजसूय यज्ञकी तैयारी की, जयचन्द्र और पृथ्वीराज ये दोनों मौसेरी भाई थे, इन दोनोंने परस्पर वैरभाव करके अपना अपना राज्य नाश कर: ला, तभीसे इस पवित्र देशमें यवनलोगोंने - - P.P.AC: Gunratnasuri Jun Gun Aaradhak Trust.