________________ स्त्रीचरित्र. कवित्त-घनाक्षरी. करकर बालपर चन्दखण्ड भालपर लोचन विशालपर सरस समागयो। गोरे गोरे गालपर अधर सुलालपर दंतद्युति जालपर भंवर भुला गयो॥ कुचफल लालपर दोभुज मृणालपर झीनीरोम मालपर श्रीपति नचागयो। नीकी नाम लालपर नूपुर रसालपर मन्द मन्द चालपर मोमन विकागयो॥२॥ अंग रंग सारपर शोभाकी बहारपर छटे छटे बारपर चित्त उरझा गयो। गोरे भुज गोलपर सुन्दर कपालपर अधर अमोल पर चित्त ललचा गयो / मृदु मुसकानपर हगन मिलानपर ललित लजानपर सुमति लुभागयो। PP.AC. GunratnasuriM.S. ... Jun Gun Aaradhak Trust