________________ भाषाटीकासहित. कामशास्त्रमें लिखा है कि, “घृतेन वर्द्धते वीर्य घृते. नायुः प्रवर्द्धति" ____घीसे वीर्य बढता है, घीसेही आयुकी वृद्धि होवे है,. ईश्व की कृपा है चाहै जितना घी खाओ. और जो तुमने कहा, कि परस्त्री रमण करनेसे मनमें विकलता हेतिा है. सो मनमें विकलता तो जब होती है कि परस्त्री रमण करने जाओ; और वह प्राप्त न तो अवश्य मन विकल तो जाता है. यहां तो मैं सदा तुम्हारी बाट देखा * करूंगी तुम्हारा घर है चाहै जब चले आना. और हंमी. निन्दा, तुच्छता, धनहानिको जो तुमने कहा, सो तु. मारी हंसी और निन्दा करनेवाला यहां कोई नहीं है, न तुम्हारी तुच्छता है क्योंकि तुन पुगेहितके लडके हो, यजमानके घरपर सदैव जा सकते हो, और धनहानिकी बात जो तुमने कही सो हमारे यहांसे तुमको सदा धन प्राप्त होता है, धनहानि नहीं होती, मुझको तुम्हारे ध. नकी कुछ परवाह नहीं, / और जो तुमने कहा कि, पर ..R.P.AC. Gunrathasuri M.S Jun Gun Aaradhak Trust