________________ स्त्रीचरित्रः सचाईकी सराहना हम प्रतिदिन करते रहते थे उसकी ग्रह बातें ? इस सोचविचारमें लाला हजारीलाल दिल्ली जाना भूल गये. सीधे घरकी ओरको चलपडे. _ अब यहांकी बात सुनो. लाला हजारीलालके चले जाने उपरान्त गुलजारी लाल जो छिप रहे थे, सोनिकल कर उसी शयनमन्दिरको गये. जहां खुंटीपर अंगरखा छोड गये थे, देखा तो खूटीपर अंगरखा नहीं. कलेजा काँपने लगा, होश उड गये दूसरी बूटीपर लाला हजारी लालका अंगरखा देखा, तो मनमें गुलजारीलाल ताड़गये कि लाला हजारीलाल आते होंगे, अब हम दोनों को जीता न छोड़ेंगे, आज प्रलयका दिन है. बहुत सोच विचार करनेका समय नहीं रहा, शीघ्रही प्यारीको लेकर भाग चलनेके सिवाय दूसरा उपाय बचनेका नहीं है. यह समझ मोहनीसे झटपट भाग चलनेकी सम्मति उहराई. मोहनीने शीघ्रही नगदी और गहना लेकर तैयारी करदी. उसी समय एक इक्काका शब्द सुनपडा गुलजारीलालने चट इक्का किराया करके मोहनीको बुलाय PP.AC-Gunratnasuri M.S.. .Jun.Gun Aaradhak Trust |