________________ भाषाटीकासहित - यह होली (ब भारतवासियोंका त्यौहार है. परमास्माकी आज्ञा है कि पर उपकार करो. यह मनुष्यदेह . का फल है कार यज्ञसे बढकर कोई पर उपकार नहीं है. यज्ञमें जो ठे चिकने, सुगन्धित, रोगनाशक और पुष्टिकारक पदार्थोंसे हवन होताहै, उससे संसारको महान ला होताहै. वायुकी दुर्गन्धि दूर होकर अन्न, जल और स्थान, थे पवित्र होकर संसारका उपकार होता है,देखो मनुजी अपनी स्मृतिमें अध्याय तीसरेमें लिखते हैं: // श्लोक // अग्नी प्रास्ताहुतिः सम्यगादित्यमुपतिष्ठति। आदित्याज्जायते दृष्टिीष्टेरनं ततःप्रजाः॥ ' अर्थ-अनिमें डाली हुई आहुति सूर्यको प्राप्त होती है, सूर्यसे वर्षा होतीहै, वर्षासे अन्न उपजताहै, अन्नसे सब संसारका पालन होताहै. क्योंकि सूर्य सब रसोको अपनी किरणोंद्वारा खर्चितेहैं और वर्षाद्वारा उन्हीं रसोंकी वृष्टि करते हैं. तथा होलीके विषयमें पूरा प्रमाण यह है, कि PP.AC.Gonratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust