________________ भाषाटीकासहित. 19 परभी अगर सदरसे मुकर्रर हो गये तो खैर वा सारी मिहनत बरबाद. हम बनावें कोई दुकान करलेंगे. | फिरतो ड्योढे दूने हमेशा नफा होते रहेंगे, रुपयाका रुपया वेढेगा और गद्दी तकिया लगाये बैठे रहेंगे. न कहीं आना न कहीं जाना, इसमें सबतरहके पोबारह रहेंगे. यह सुनकर चुलबुला नामवाला भांड उसके एक चपत जमाकर बोला अबे उल्लूका पछा! रोजगार के लिये अव्वल तो रुपया चाहिये. फिर रुपयाभी कर लिया और राजगारछेडा, कुछ मुनाफा हुवा तो झट दस लाये टेक्स अधगये. यह बड़ी खराब चीज है, बहुतसे हिन्दुस्तानी टक्सके डरसे दो दो सौ रुपया मुनाफा का रोजगार छोड़ देते हैं, फिर सारी सिपाहियों की रोजकी धमकी रसदकी लेथन, और जो कहीं घाटा हो गया तो धोबीके कुत्ते घरक रहे. न घाटके. लेनेक देनेके पड़गये पांडे हलुवाः रहे न मांडे हम ऐसा जतन बतावै जिसमें हरो लगन फटकरी. रंग चोखा आवे. मजेसे तकिया लगाये घर - बैठे रहें और तर्रमाल दोनों वक्त उडावे. यह सुन सब P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust