________________ 272 स्त्रीचरित्र. अथ होलिकानिर्णय ___ अर्थात् , होली (फाग ) का निर्णय / दोहा-श्रीजगदीश्वर ध्यानधरि, सदुपदेश दर्शाय / - होलीका निर्णय लिखत, नारायण मन लाय // 1 // अररररररर कबीर सुनियो लोगो मोर कबीर। पहले सुमिरौं गुरु गणेशको पुनिदेवनशिरताज॥जिनके सुमिरनते सुखबाढे सिद्धहोत सवकाज। भला मैं भर्म पन्थको क्यों छोडूं॥२॥ फाल्गुनमें सब होरी खेलौ लूटौ अजब बहार भला यह कौनबात भलमनसीकी // 3 // गेहूं जौके पेड़ न बाढे भई उपज घनघोर। अन्न समय तो पाथरवरसा चढी घटा घनघार / भला अब परजा कैसे जीवगी॥४॥ suri.M.S JunGun Aaradhak Trust