________________ - स्त्रीचरित्र. तथा नीतिशास्त्र भी लिखाहै कि, 'अन्तं साहसं माया मात्सर्यमतिलुब्धता। निर्गुणत्वमशौचत्वं स्त्रीणां दोषाःस्वभावजाः - अर्थ-पैठ, साहस माया, ईर्ष्या, अतिलोभपन, निर्गुणता और अपवित्रता, ये स्त्रियोंके स्वभाविक -दोष हैं // 2 // तथाचोक्तम् / विनयं राजपुत्रेभ्यः पण्डितेभ्यः सुभाषितम्। अनृतंबूतकारेभ्यःस्त्रीभ्यःशिक्षेतकैतवम् // 3 // - अर्थ-राजपुत्रोंसे सुशीलता, पण्डितोंसे मृदुवचन, जुवारियोंसे असत्य भाषण और स्त्रियोंसे छल (कपट) सीखे // 3 // / तथाच / स्त्रीणां द्विगुणअहारो लज्जा चापि चतुर्गुणा। साहसं षड्गुणं चैव कामश्चाष्टगुणः स्मृतः॥४ अर्थ-पुरुषोंसे स्त्रियोंका आहार दूना, लज्जा चौ. Jun Gun Aaradhak Trust .PP.AC.:Guriratnasuri M.S.