________________ || पुरुष! आप मेरे नगरको पावन करों ? इस वख्त बीचमेंही डेड़ पंच बनकर धवल बोला-हे | है कुमार! शत्रुके घरपर जाना ठीक नहीं, किन्तु श्रीपालने तो "आप जला तो जग जला" |3|| | इस कहावतको लक्षमें लेकर सपरिवार राजाके साथ हो लिया-महाकाल नरेशने बड़े महो- || सवसे कुमारका नगरप्रवेश कराया और अपने राजनुवनमें लेजाकर सुवर्ण-सिंहासन पर बिराजमान किये इस वख्त बब्बराधीश श्रीपालजीको विज्ञप्ति करने लगा-हे महाभाग! मदनसेना के नामकी मेरी एक पुत्री है कृपाकर उसके साथ पाणिग्रहण (विवाह ) करना स्वीकारें; कुमारने | कहा, तुम मेरे जाति-कुलसे अज्ञात हो तो फिर ऐसा करनेका आग्रह क्यों करते हो? उत्तर - | मिला कि आपके पराक्रमने ही यह साबित कर दिया कि आप उत्तम कुलके हैं-श्रीपालजीने इस प्रार्थनाको सहर्ष स्वीकारी, तब राजाने महदाडम्बरसे अपनी लड़कीका विवाह कुंवरके साथ कर दिया, करमोचनके समय हाथी, घोडे, सेना, धन, धान्य, पोतरत्न और नव नाटक भेट किये; महाकालके किये हुवे महोत्सवसे श्रीपाल कुमार मदनसेना सहित वापिस अपने || RECISCUSCHALASUSASISRAGUA Jun Gun Aaradhak Ac. Gunratnasuri M.S.