________________ Arrrrr.KAINOS || मिथ्या धर्मको त्याग कर जिनधर्म (सकर्म)को अङ्गीकार करें वगेरा-इस वख्त प्रजापाल महाराज नव | / तत्वमें रुचिवन्त हुवा और जिन धर्मको स्वीकार कर सम्यक्त्व प्राप्त किया, इस समय नृपति श्रीपाल: की स्तुति करता हुवा बोला-अहा! धन्य हूँ मैं कि सिंहरथ राजाका पुत्र मेरा जवांइ हुवा; अन्तमें है। राजाने अनिवार्य आग्रह कर श्रीपाल और मदनसुन्दरीको दायीके होहे पर बैठाकर महदाडम्ब| रसे अपने राजजुवनमें ले गया-महाराजने कुमारको बहु धन-धान्य-अश्व-गज-रथ-सेवकादि परिपूर्ण एक मोटा दिव्यमहल रहनेको दिया, अब यहांपर कुमार सकुटुम्ब आनन्द पूर्वक निवास करते हैं; ईस समय परम पवित्र जैन धर्मकी सर्वत्र नूरि श्लाघा हुई. sam800MMmmmsantiy श्रीपाल कुमारका विदेश गमन. RETREETTERTAINEERINEERESTER एक दिनका जिक्र है कि हाथी-घोड़े-रथ-सुभटादिसे. परवरित श्रीपाल कुमार बीचोंबाजार SACRECAREEN PHIAC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak