________________ 5+%ASALAAA-%ESARIA 5 टोंको साथ लेकर बनमें शिकार खेलनेको गया, वहां पर धर्मध्वज ( रजोहरण-ओघा ) धारण किये हुवे एक साधु महाराजको देखे, तब राजा बोला-अहो सुनटों! यह चामर धारण करने * वाला कोई कोडिया है तब सातसोही वीरोंने हां साहब! कुष्टि है, ऐसा कहा और उन महात्माको लकड़ियोंसे ज्यों 2 मारने लगे त्यों 2 राजा हर्षित होने लगा, और क्षमाके सागर मुनिराज तो है। क्षमारसमें झीलने लगे, इस प्रकार मुनिको उपसर्ग करके एक हिरणोंके टोलेके पीछे दौड़े, शिकार हाथमें नहीं आया, लाचार होकर सब लोग वापिस अपने नगरको चले गये; रात्रीमें राजा अ पने शयन जुवनमें गया वहांपर दिनकी सब कथा रानीको कह सुनाई, रानी आग्रहपूर्वक निवाA रण करती है, उस समय राजा स्वीकार कर लेता है और फिर बाहर निकला कि अपनी प्रियाका 6 वचन भूल जाता है-किसी एक दिन भूपति सेनाको लेकर शिकार के लिये गया हुवा था, सेनासे | | अलग पड़कर एक मृगके पीछे धावा किया, वनमें नदीके किनारे एक सघन वृक्षके समूहमें वह हिरण बुप्त होगया, उस वख्त राजाने नदीके तट पर एक ध्यानस्थ मुनिको देखे, दुष्टता वश AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak