________________ प्रस्ताव चौथा... है कुण्डल, कड़े, उतरासन और कितनेक के अधो-वस्त्र उतार लिये; इसप्रकार वीणा नादमें सब जने महा मोहदशामें प्राप्त होगये, इस आश्चर्यको देखकर राजकन्याने त्रैलोक्यसाररूप कुमा-5 रको वरे, इस समय राजा विचारता है कि-हा! कन्याने वामनको वरा यह बड़ा बुरा हुवा, 3 तब कुमारने अपना निज दिव्य स्वरूप प्रकट किया, राजा वगेरा आनन्दित हुवे, महोत्सव ||| पूर्वक उनका परस्पर विवाह कर दिया, श्रीपाल कुमारको हाथी-घोड़े-सुवर्ण-रत्न वगेरासे परि-5 पूर्ण एक महल रहनेको दिया; वहां पर गुणसुन्दरीके साथ सुख भोगवते हुवे सानन्द रहने लगे. | ॐॐॐ Jun Gun Aaradha PAC.GunratnasuriM.S.