________________ श्रीशान्तिनाथ चरित्र। ~ ~ ~ ~~ ~ ~ ~ ~~ ~ उनके उपदेशसे वैराग्य-लाभ कर, अमरसूरि नामक गुरुसे दीक्षा ग्रहण कर ली और नन्दन-वनमें जाकर उग्रतप करने लगे। ___ अश्वग्रीव प्रतिवासुदेवके पुत्र असुरकुमारमें उत्पन्न हुआ था। उसने / मुनि मेघनादको देख, पूर्व भवका वैर याद कर, एक रातको प्रतिमाके पास रहनेवाले मुनिके प्रति बड़े-बड़े उपद्रव किये ; पर तो भी मुनि अपने ध्यानसे विचलित नहीं हुए। प्रातःकाल वे प्रतिमाको प्रणामकर, पृथ्वीतलपर विहार करने चले गये। अन्तमें उन्होंने समाधि-मरण पाया और अच्युत-देवलोकमें जाकर देवता हुए। P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust