SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 139
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ तृतीय प्रस्ताव / 121 नहीं करता ? इसका क्या कारण है ?" इसपर महाजनोंने कहा,-"हे नाथ! इसमेंइस बेचारेका क्या दोष है ? वह चोर तो एक पूरी पलटनके गिरफ्तार करने पर भी गिरफ्तार होनेवाला नहीं है।" यह सुन, राजाने महाजनोंसे कहा,-"अच्छा, देखो, मैं इसका उचित उपाय करता हूँ। यह कह, राजाने महाजनोंको विदा कर दिया / इसके बाद राजा भिखारीका रूप बनाये, उस चोरकी तलाशमें महलसे बाहर निकले और अनेक शंकास्थानों और गुप्तस्थानोंमें घूमने लगे। पहले दिन वे नगरके बाहर बहुत घूमा किये ; पर किसी जगह वह चोर न दिखाई दिया। दूसरे दिन सन्ध्या समय राजा नगरके बाहर एक वृक्षके नीचे बैठे हुए थे, इसी समय उन्होंने एक गेरुआ वस्त्र पहने तथा रास्तेकी धूल सारे अङ्गमें लपेटे हुए त्रिदण्डीको आते देखा। उसके पास आनेपर राजाने उसको प्रणाम किया। त्रिदण्डीने पूछा,-"अरे ! तू कहाँसे आ रहा है और कहाँ जायेगा? तेरा मतलब क्या है ?" यह सुन, भिखारीका वेश बनाये हुए राजाने कहा,"भगवन् ! मैं द्रव्यके लिये बहुतसे देश घूम आया; पर मुझे कहीं धन नहीं मिला। इससे मैं बहुत ही चिन्ताग्रस्त हो रहा हूँ।" यह सुन, उस त्रिदण्डीने कहा,-"बटोही भाई ! यह तो कहो, तुमने धनकी खोजमें किन-किन देशोंकी सैर की?" राजाने कहा,--"यों तो मैं बहुतसे देशों में घूमा हूँ, तो भी जो थोड़े-बहुत नाम मुझे याद हैं, वे तुम्हें बतलाये देता हूँ। हे त्रिदण्डी ! मैंने वह लाट-देश भी देखा है, जहाँकी स्त्रियाँ एकही वस्त्र पहनती हैं। उस देशके प्रायः सभी लोग मधुर. भाषी हैं और केशको 'बाल' कहते हैं। मैंने सौराष्ट्र-देश भी देखा है। वहाँ लम्बे केशोंवाली, मधुर स्वरवाली तथा कम्बल पहननेवाली - अहीरोंकी स्त्रियां दिखाई देती हैं। इसके सिवा मैंने कङ्कण-देश भी देखा है। वहाँ शालि-धानही विशेष कर खाया जाता है। नागरवेलके पान और केलोंसे सारा देश भरा हुआ है। इसी तरह मैंने गुजरात, मेदपाट और मालव इत्यादि बहुतसे देशोंमें भ्रमण किया, वहाँके Jun Gun Aaradhak Trust GunratnasuriM.S. 11
SR No.036489
Book TitleShantinath Charitra Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhavchandrasuri
PublisherKashinath Jain
Publication Year1924
Total Pages445
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size355 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy