________________ साहित्यप्रेमी मुनि निरञ्जनविजय संयोजित 661 श्री मेरुतुगाचार्यने भी प्रबंधचिंतामणि ग्रंथ में भी महाराजा विक्रमादित्य के लिये लिखा गया है. __ महाराजा विक्रम के लिये लिखे गये कई पुस्तकों कहांसे उपलब्ध हो सकते है, और प्रकाशक कौन है वह भी यहां देखे. 1290 से 1294 के करीब लिखा गया ग्रंथ पंचदंडात्मक विक्रमचरित्र अज्ञात कृत हिरालाल हंसराज जामनगर, सिंहासन द्वात्रिशिका क्षेमकर कृत लाहौर के सूचिपत्र में विक्रमचरित्र उ. देवमूर्ति कृत लीमडी भंडार से. . साधुपूर्णिमा रामचंद्रसूरिकृत विक्रमचरित्र दानसागर भंडार 'विकानेर, और उ. जै. सा. सं. ई. श्री शुभशील कृत विक्रमचरित्र प्र. हेमचंद्राचार्य सभा अमदावाद. और दुसरी आवृति पंडित भगवानदास हरखचंद अमदावाद. श्री राजवल्लभ कृत सिंहासन द्वात्रिंशिका गोविंद पुस्तकालय विकानेर श्री राजमेरु श्री इन्द्रसूरि. श्री पूर्ण चंद्र कृत विक्रमचरित्र, विक्रमचरित्र पंचदंड प्रबंध उ. जैन ग्रंथावली. इस प्रकार महाराजा विक्रमके संबंध में जैन श्वेतांबर साहित्य में 55 जितने पुस्तकों दिखाई देते हैं. जैन दिगम्बर साहित्य में भी श्री श्रुतसागर कृत विक्रम- . चरित्र एक ही पुस्तक दिखाई देता हैं. निम्नलिखित ग्रंथोमें गुजराती में महाराजा विक्रमादित्य का जीवन उपलब्ध होता है. वि. सं. 1499 में विक्रमचरित्र कुमार रास लिखा गया. ' उपाध्याय श्री राजशीलने वि. स. 1563 में विक्रमादित्य खापरा रास निर्माण किया. Jun Gun Aaradhak Trust