________________ 220 साहित्यप्रेमी मुनि निरञ्जनविजयजी संयोजित बीजोरे से युक्त आदमियों को खूब मजबूती से बाँध कर यहां ले आओ।' इसके बाद चौकीदार ने उन चारों को राजा के समीप ले जाकर खड़े कर दिये। ___ तब राजाने कहाकि 'रत्नों की पेटी शीघ्र दे दो / अन्यथा तुम लोगों को चोरी का दण्ड दिया जायगा / ' यह सुनकर चोरों ने सोचाकि रात्रि का बन्धु यही तो है / ' ऐसा समझकर शीघ्र ही राजा के आगे चार रत्न की पेटियां लाकर रखदी / राजाने तब क्रोधित होकर कहाकि 'और दो पेटिया कहां गई ? ___ तब चोर कहने लगेकि हम लोगों ने चार ही पेटियां ली थीं। .. अधिक नहीं ली / तब राजा ने कहाकि 'हे चौकीदार ! तुम इन चारों को शीघ्र शूलीपर चढ़ा दो।' तब चौकीदार राजा की आज्ञा पूर्ण करने के लिये चला। उस समय शब्द ज्ञानी ने चुपचाप कहाकि रातमें इस राजाने अपने साथ चोरी करते हुए कहा था कि मैं जिनके साथ रहूंगा उनको राजा से डर नहीं होता / यह सब विचार कर उन लोगों ने चौकीदार से कहाकि हम लोगों को राजा के पास पुनः एक बार ले चलो / हम लोग सभी पेटियाँ दे देंगे। ___जब वे सब राजा के समीप लाये गये तब उनमें से शब्दज्ञानी ने राजा से कहाकि रात्रिमें चोरी करने के लिये एक आदमी ने हम लोगों से मिलकर कहा था कि जिसके बीच में मैं रहूँगा उसको P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust