________________ / 42. ) राज ने योगी की सेवा में अपने अङ्गरक्षक भेजे, योगी ने दूर से ही नौकर को देखकर कहा, "अागे मत प्रायो, वहीं खड़े रहो ! यदि मेरी ओर बढ़ोगे तो सब को भस्म करदूंगा"। विचारे अङ्ग रक्षक दूर ही से योगी को बुलाने लगे। क्रोधित हो योगी ने उत्तर दिया, जाश्रो राजा से कह दो-"कि यदि तुम्हें योगी से कुछ कार्य है, तो आप ही सवारी लेकर हमारी संवा में आये। नौकरों ने वेसं ही राजा के आगे निवेदन कर दिया। ___ नौकरों की बात सुनकर राजा तुरन्त ही परिवार सहित योगी की सेवा में गया। नमस्कार करक उसकी स्तुति की और योगी के प्रति बोला-महाराज ! आप सब के पूज्य हो इस लिये मुझ गरीव के घर की अवश्य शोभा बढ़ावें। योगीने राजा को उचित उत्तर दिया। और राजा को प्रार्थना स्वीकार कर उसके साथ चलने को तैयार हुया"। / राजा ने योगी को सजे हुए हाथी पर सवार किया और अपने घर ले पाया और पूछने लगा-स्वामिन् क्या आपके पास कोई ऐसी जड़ी बूटी या कौतुक कारिणी विद्या है। जिसके कारण मेरी पुत्री अच्छी हो जावे। क्यों कि मेरी पुत्री को किसी ने वानरी बना दिया है। ..... ____ योगी ने राजा से प्रश्न किया- यदि वह अच्छी हो जावे तो आप मुझे क्या देगे। राजा ने कहा-पांच सौ दीनार तथा एक ग्राम से आपकी पूजा करूंगा। योगी ने कहा यदि तुम अपनी कन्या का विवाह हमारे साथ करदो तो हम उसे अच्छा कर सकते हैं / P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust