________________ प्रत्येक 32 कानने // 45 // केलिगृहांतिकायातं / नूपतिं रक्षका जगुः // अरे कोऽयं समायाति / ततो- || ऽवादीहराधवः // 5 // विज्ञायाल्पपरीवारं / युगबाहुमिहोषितं // आमंत्रयितुमायातो / मनोरथनृपोऽस्म्यहं // 51 // बांधवोऽयं कुमारस्ये-त्यरुको रदकैनरैः // अंतः केलीगृहं राजा। प्रविवेश मनोरथः // 55 // कुमारः सहसोत्थाय / विलोक्य निजमग्रजं // नत्वा पप्रब किं जात-रत्रागमनकारणं // 53 // रात्रावत्र हि शत्रूणां / कदाचित्प्रनवेबलं // त्वामाकारयितुं गेहे। बांघवाहं समागमं // 55 // उत्तिष्टोत्तिष्ट तस्मात्त्वं / गम्यते नगरांतरे // प्रपद्येति वचो नातुः। सनेपथ्यं स्वमाददे // 55 // आदानव्याकुलस्वांतो। मोहांधीभूतचकुषा // कंधरायां हतो राज्ञा / स कृपाणेन निःकृपं // 56 // धिगहो मोहमाहात्म्यं / यत्तुबसुखवांबया // सुस्निग्धबांधवो मुग्धो / नीयते निधनं मुधा // 57 // विद्युतवाहतो वृक्षः। कुमारो न्यपतनुवि // कृता हाकारपूत्कारा-स्तावन्मदनरेखया // 57 // निकटस्था नटास्तावप्राप्ता उत्पाटितासयः // कुर्वन् खेदमिक मापो / मायावीति तदावदत् // एए // करवालः करालोऽयं / कुमारोपरि मे करात् // अकस्मात्पतितो हाहा / सांप्रतं किं करोम्यहं // 60 // Jun Gun Aaradhak Troll P.P.AC.Gunratnasun M.S.