________________ / चरित्रं तत्रैक प्रस्फुरज्ज्वाखं / ज्वालनं कुममैकत // तस्योपरि च वृक्षस्य / शाखायां बझसिकर्क // // 27 // तत्रारोहावरोहादि / कुर्वतं नरमेककं // अपृछत्किमिदं न / क्रियते सोऽप्यवक्ततः // 1 // कुमार साधयन्नस्मि / विद्यां गगनगामिनीं // विधिरत्रोपदिष्टोऽस्ति। यदत्रारुह्य सिक्कके राएर // 20 // जपित्वैकाग्रचित्तेन / मंत्रस्याष्टोत्तरं शतं // बिंद्याच्च तनिकैकैवं / यः कुर्यादिम विधि // 1 // जिन्नासु तनिकास्वेवं / चतसृष्वपि साहसी // साधकः सिद्धविद्यः स-न्नुत्पतेजगनांगणं // 15 // श्रारोहाम्यहमेतस्मिन् / विद्यासाधनहेतवे // अवरोहामि चातकान्मृतेः कातरमानसः // 3 // कस्त्वं केन च विद्येयं / दत्ता तुज्यं महाफला // इति पृष्टः कु. मारेण / सोऽनिधातुं प्रचक्रमे // 24 // त्रास्ति हरिदत्ताख्यो / व्यहारी महाधनी // तत्पुत्रो जिनदत्तोऽहं / जिनधर्मरतांतरः // 35 // बालत्वेऽपि मृता माता / निःपुण्यस्यान्य दा मम // परिणीता ततः पित्रा / सुंदरीत्यपरांगना // 26 // न सानजोजनादीनि / सा || में कारयते स्वयं // कारयंती जयात्पत्यु-निनेहा मे न मोददा // 2 // मामाकोशति रोषे. / सा निःकारणवैरिणी // मातुः पराजवात्प्रांत-यौवनो निरगां पुरात् // 27 // गत्वो. S PP.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust