________________ M की जविष्यति // 1 // सुदर्शनपुरेशस्य / युगंबाहुनरे शितुः // एष जानुमतीजीवो। जावि / || चंद्रयशा सुतः // ए // जीवः सागरदत्तस्य / युगबाहोमहीपतेः॥ तस्यैव तनयो जाबी ।न मिनामा द्वितीयकः // ए३ // श्रुत्वेति ते हर्षनरेण पूर्णाः / श्रीनेमिनाथं प्रणिपत्यं जक्त्या // ए नंदीश्वरायेषु विधाय यात्रां / स्वस्थानमासाद्य सुखेन तस्थुः // एव // इति श्रीप्रत्येकबुद्धचरित्रे तृतीयप्रस्तावे नमिपंचमषष्टनववर्णनो नाम तृतीयः प्रकारः समाप्तः॥ श्रीरस्तु // - अथ चतुर्थः प्रकास प्रारम्यते॥ पृथिवीकामिनीकाम-वेदनाकारधारिणि // जंबूहीपेऽस्ति जरत-क्षेत्रं जालस्थला॥ कृति // 1 // तत्रास्ति तिलकधीका / पृथुला मिथिलापुरी // यस्यामशिथिला लोकाः / शमकृद्धर्मकर्मणि // 2 // यत श्रीमल्लिनाथस्य। श्रीनमेश्च जिनेशितुः // जन्मदिक्षादिका जाता / महास्तीर्थमियं ततः॥३॥ तत्रासीदहितत्रासी / राशीभूतगणालयः // शत्रुध्वांतदिवानाथो / जयसेनो नरेश्वरः // 4 // तत्र शस्यतरछाया / पवबर्यलंकृता // वलंती वनमालेव / वनमाळेति राइयभूत् // 5 // अन्यदा सुखसुता सा। स्वोऽनाकुलमानसा // निश्येक | PP.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust